आज भी ‘द एक्सोरसिस्ट’ को दुनिया की सबसे डरावनी फिल्मों में से एक माना जाता है। इस हॉलीवुड हॉरर फिल्म के बारे में कई मान्यताएँ हैं, जैसे इसके सेट पर काली आत्माओं का साया और थियेटर्स में दर्शकों को आए दिल के दौरे। आइए, ‘द एक्सोरसिस्ट’ के बारे में विस्तार से जानते हैं।
‘द एक्सोरसिस्ट’ के डरावने किस्से
हॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्देशक विलियम फ्रीडकिन की निगरानी में बनी ‘द एक्सोरसिस्ट’ 1973 में बड़े पर्दे पर आई। यह फिल्म जाने-माने इंग्लिश लेखक विलियम पीटर ब्लैटी की उपन्यास ‘एक्सोरसिस्ट’ पर आधारित है। फिल्म में एक छोटी बच्ची के बुरी आत्मा द्वारा कब्जे का जिक्र है, जो भय का तांडव मचाती है।
इतना ही नहीं, फिल्म निर्माण से जुड़े 20 लोगों की जीवन लीला भी समाप्त हो गई थी। कहा जाता है कि ‘द एक्सोरसिस्ट’ के रिलीज होने पर थियेटर के बाहर एंबुलेंस तैयार रहती थीं, ताकि डर के मारे किसी के साथ अनहोनी होने पर उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके। दर्शकों के चीखने-चिल्लाने की आवाजें भी हॉल के बाहर सुनाई देती थीं। कई रिपोर्टों में यह भी कहा गया था कि इस फिल्म को देखने के बाद कई लोग दिल के दौरे का शिकार हुए।
इस देश में बैन
जब ‘द एक्सोरसिस्ट’ की चर्चा बढ़ने लगी और इससे संबंधित घटनाओं की बाढ़ आ गई, तो यूनाइटेड किंगडम के कई हिस्सों में इस फिल्म पर बैन लगा दिया गया। इसकी वजह फिल्म के डरावने दृश्य और संगीत को बताया गया।
ऑस्कर जीतने वाली पहली हॉरर फिल्म
जितनी नकारात्मक चर्चाएँ ‘द एक्सोरसिस्ट’ के बारे में हुईं, फिल्म ने उससे कहीं अधिक सफलता पाई। ‘द एक्सोरसिस्ट’ को 1974 के ऑस्कर अवार्ड्स में 9 विभिन्न श्रेणियों में नामांकित किया गया, जिसमें से साउंड डिजाइन और अडेप्ट स्क्रीनप्ले की श्रेणियों में इसने पुरस्कार जीते। इसके अलावा, ‘द एक्सोरसिस्ट’ दुनिया की पहली हॉरर फिल्म है, जिसने अकादमी पुरस्कारों में जीत का परचम लहराया।
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