विस्थापितों के नाम कस्टोडियन भूमि को हड़पने का एक और बड़ा खुलासा हुआ है। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने घरोटा के भलवाल और आसपास के इलाकों में 12 जगह दबिश दी। इनमें रांजन क्षेत्र में पटवारी नवजोत सिंह के घर पर टीम सुबह दस बजे पहुंची और तलाशी शुरू की, जो दोपहर ढाई बजे तक जारी रही।
एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने राजस्व अधिकारियों और भू-माफिया के गठजोड़ के खिलाफ कार्रवाई तेज करते हुए 10 एफआईआर दर्ज की हैं। इसमें जम्मू जिले के असरवां, मिश्रीवाला और भलवाल क्षेत्र में लगभग 310 कनाल कस्टोडियन भूमि को भू-माफियाओं ने कस्टोडियन, राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से हड़प लिया है। इससे पहले एसीबी ने लगभग 210 कनाल कस्टोडियन भूमि से जुड़े भूमि घोटाले का पर्दाफाश किया था, जिसके संबंध में 5 एफआईआर दर्ज की गई थीं।
जानकारी के अनुसार एसीबी की टीमों ने बुधवार को घरोटा के भलवाल और आसपास के इलाकों में दबिश देकर कई पटवारियों और राजस्व अधिकारियों के आवासों पर छापे मारे। इस दौरान कई तरह के दस्तावेज बरामद किए गए। हालांकि एसीबी की तरफ से दर्ज की गई 10 एफआईआर में किन किन के नाम हैं, इसका फिलहाल खुलासा नहीं किया गया है।
बता दें कि भू माफिया ने विभिन्न पीओके शरणार्थियों से पावर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) के साथ फॉर्म 3-ए (फॉर्म अल्फ) प्राप्त किया था। उन्हें अतिरिक्त भूमि का लालच दिया गया। भूमि हड़पने वालों के माध्यम से 5 हजार से 50,000 तक की तत्काल धनराशि प्रदान की गई थी और उसके बाद राजस्व और कस्टोडियन विभाग के अधिकारियों व पदाधिकारियों द्वारा अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग करके राजस्व रिकॉर्ड में कस्टोडियन भूमि के अतिरिक्त हिस्सों के बारे में प्रविष्टियां गई थीं। धोखाधड़ी के माध्यम से कस्टोडियन भूमि को हड़पने में आपराधिक तत्वों, भूमि हड़पने वालों और राजस्व व कस्टोडियन अधिकारियों/कर्मचारियों के बीच प्रथम दृष्टया सांठगांठ का पता चला है।