निखिल आडवाणी की वेब सीरीज ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ हाल ही में सोनी लिव पर रिलीज हुई है और यह दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है। इस बीच, उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपने 25 सालों के अनुभव को साझा किया और बताया कि कैसे पीआर के बढ़ते प्रभाव ने उनके काम पर असर डाला है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, मुंबई। स्मिता श्रीवास्तव। निखिल आडवाणी अब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट सीजन 1’ की सफलता के बाद अपनी नई फिल्म पर काम कर रहे हैं। हाल ही में, उन्होंने स्मिता श्रीवास्तव के साथ बातचीत की, जिसमें पीरियड कंटेंट की बढ़ती लोकप्रियता, सितारों की तुलना में एक्टर्स के साथ काम करने का महत्व, और बजट के साथ क्रिएटिविटी पर समझौता करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की। पढ़ें पूरी खबर।
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पीरियड कंटेंट बनाने की रुचि
इस सवाल का जवाब देते हुए निखिल ने हंसते हुए कहा कि उनके पास शूटिंग के लिए आवश्यक सभी चीजें हैं, इसलिए बजट मैनेज करना संभव है। उन्होंने कहा, ‘मैं इतिहास का बड़ा प्रशंसक हूं और इतिहास के पॉडकास्ट सुनता हूं, किताबें पढ़ता हूं। मुझे भारत के आधुनिक इतिहास से बहुत प्रेरणा मिली है। मुझे लगता है कि देश की स्वतंत्रता के 75वें साल का जश्न मनाने के बाद, कई लोग उस तरह का कंटेंट बनाने लगे हैं।’
स्टार्स बनाम एक्टर्स: किसके साथ काम करना है आसान?
‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ के निर्देशक ने कहा कि उनके लिए एक्टर्स के साथ काम करना अधिक सरल होता है। उन्होंने बताया, ‘मैंने चिराग वोहरा, सिद्धांत गुप्ता, राजेंद्र चावला और आरिफ जकारिया से साफ कहा था कि उन्हें डेढ़ साल तक कोई दूसरा काम नहीं करना है। मैं नहीं चाहता था कि मेरे शो में गांधी का किरदार निभाने वाला एक्टर किसी और शो में किलर की भूमिकाएँ अदा करे।’
इंडस्ट्री में आजादी का अनुभव
निखिल आडवाणी ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने 25 वर्षों के अनुभव में बदलावों को साझा किया है। उनका कहना है कि पहले के समय में सादगी थी, जबकि अब अधिकतर बातें कॉन्ट्रैक्ट के इर्द-गिर्द घूमती हैं। उन्होंने कहा, ‘जब मैंने ‘कल हो ना हो’ बनाई थी, तब चीजें अलग थीं। अब हम समझते हैं कि सभी चीजें व्यापार के नजरिए से कितनी महत्त्वपूर्ण हो गई हैं।’
निखिल ने उदाहरण दिया कि कैसे पहले के समय में किसी भी बड़े अभिनेता से पैसे की बात करते समय संबंधों का महत्व होता था, जबकि आज के समय में यह संभव नहीं है।
पीआर के चलन से सितारों तक पहुंचने में मुश्किल
निखिल ने कहा कि अमिताभ बच्चन जैसी हस्तियों तक पहुंचना कभी-कभी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि, उन्होंने अपनी टीम पर भरोसा जताया, जिसमें उनकी पार्टनर मधु भोजवानी और बहन मोनिशा शामिल हैं, जो सभी व्यवस्थाओं का ख्याल रखती हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे अक्षय कुमार जैसे बड़े सितारों के साथ काम करने से संकट का सामना करने में मदद मिलती है, और उन्होंने ‘एयरलिफ्ट’ का उदाहरण देते हुए कहा कि बड़े सितारे बजट में फिल्म बनाने में मदद कर सकते हैं।