सुभाष घई का नाम कई अभिनेत्रियों के करियर को संवारने में प्रमुखता से लिया जाता है, जिनमें महिमा चौधरी से लेकर माधुरी दीक्षित तक शामिल हैं। साल 2000 में, उन्होंने प्रियंका चोपड़ा को अपनी 2001 में रिलीज होने वाली फिल्म के लिए कास्ट करने की इच्छा जताई, जो उस समय मिस वर्ल्ड बनी थीं। हालांकि, कुछ कानूनी कारणों की वजह से यह संभव नहीं हो सका, और अंततः उन्हें करीना कपूर को इस रोल के लिए लेना पड़ा।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 90 और 2000 के दशक में कई ऐसी फिल्में आईं, जो उस वक्त बॉक्स ऑफिस पर प्रभावी नहीं रही, लेकिन आज उन्हें अच्छा खासा प्यार मिलता है। इनमें शाह रुख खान की ‘डुप्लीकेट’, ‘मुझसे दोस्ती करोगी’, ‘लक्ष्य’ और ‘रुद्राक्ष’ जैसी फिल्में शामिल हैं। इसी सूची में सुभाष घई की एक फ़िल्म भी है, जिसने एक्शन और म्यूजिकल फिल्में बनाने के लिए अपने नाम को स्थापित किया।
सुभाष घई की एक उल्लेखनीय फिल्म, ‘यादें’, 2001 में रिलीज हुई, जो उस वर्ष की सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्मों में से एक बनी। युवा चेहरों की तलाश में, घई प्रियंका चोपड़ा के साथ ऋतिक रोशन को कास्ट करना चाहते थे, लेकिन उनका यह सपना अधूरा रह गया। इसके बाद फिल्म करीना को मिल गई। जानते हैं यह फिल्म कौन सी थी:
प्रियंका चोपड़ा को कास्ट करने की योजना
साल 1997 में ‘परदेस’ फिल्म से म्यूजिकल फिल्में बनाने की शुरुआत करने वाले सुभाष घई की ‘यादें’ एक सिंगल पिता और उनकी तीन बेटियों की कहानी बयां करती है, जिसमें करीना कपूर खान ने जैकी श्रॉफ की बेटी ईशा पुरी का किरदार निभाया।
अमेजन प्राइम वीडियो की एक ट्रिविया स्टोरी में बताया गया है कि ‘यादें’ के लिए करीना कपूर पहली पसंद नहीं थीं। जब 2000 में प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनकर उभरीं, तो सुभाष घई ने उन्हें ऋतिक रोशन के अपोजिट कास्ट करने का विचार किया, लेकिन कॉन्ट्रैक्ट संबंधी समस्याओं के चलते प्रियंका ने इस फिल्म का हिस्सा बनने से मना कर दिया।
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प्रियंका के मना करने के बाद अन्य अभिनेत्रियां भी आईं रडार पर
अगर आप सोच रहे हैं कि प्रियंका चोपड़ा के मना करने के बाद फिल्म सीधे करीना कपूर को मिल गई, तो ऐसा नहीं था। प्रियंका के रिजेक्ट करने के बाद सुभाष घई ने ऋतिक रोशन की को-स्टार अमीषा पटेल को प्रस्ताव दिया। हालांकि, अमीषा पटेल भी उस समय इस फिल्म के लिए उपलब्ध नहीं थीं। जब अमीषा की अस्वीकृति हुई, तो करीना कपूर को स्क्रिप्ट पढ़ाई गई और उन्होंने फिल्म करने के लिए सहमति दी।
हालांकि, उस समय करीना कपूर का करियर कुछ खास नहीं चल रहा था; उनकी डेब्यू फिल्म ‘रिफ्यूजी’ और दूसरी फिल्म ‘मुझे कुछ कहना है’ दोनों बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो चुकी थीं। 2001 में रिलीज हुई ‘यादें’ को भी दर्शकों का सकारात्मक रिस्पॉन्स नहीं मिला और यह फिल्म बुरी तरह असफल रही, जिसके बाद सुभाष घई ने कई वर्षों तक म्यूजिकल फिल्म बनाने के बारे में नहीं सोचा।
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