इस समय हर जगह केवल ‘पुष्पा 2’ की चर्चा हो रही है। अल्लू अर्जुन के साथ इस फिल्म में एक और अभिनेता हैं, जिनकी भूमिका दर्शकों को काफी पसंद आ रही है। उनकी तारीफ करने में लोग थक नहीं रहे हैं। अगर अभिनेता इरफान खान उनके जीवन में न होते, तो शायद वह आज विलेन के रूप में इस सफलता को हासिल न कर पाते। आइए जानते हैं इसका पूरा किस्सा।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। अभिनय की दुनिया में कदम रखना आसान हो सकता है, लेकिन इस क्षेत्र में टिके रहना और दर्शकों के दिलों में जगह बनाना बहुत मुश्किल है। भारतीय सिनेमा में कई अभिनेता आए हैं, जिनका नाम ही उनके फैंस के लिए महत्वपूर्ण है। वहीं कुछ ऐसे भी हैं, जिन्हें लंबे समय की मेहनत के बाद भी इंडस्ट्री में पहचान नहीं मिली।
19 साल की उम्र में फिल्मी दुनिया में कदम रखा
‘पुष्पा 2’ में अल्लू अर्जुन को चुनौती देने वाला यह अभिनेता कोई और नहीं बल्कि भंवर सिंह शेखावत का किरदार निभाने वाले फहाद फासिल हैं। उन्हें इस फिल्म में अपने चरित्र के लिए काफी सराहना मिल रही है। ‘पुष्पा: द राइज’ के बाद, उन्होंने इस फिल्म के दूसरे भाग में भी अपनी जगह बनाई। हालांकि, फहाद के जीवन का एक ऐसा दौर भी था, जब उन्होंने गुस्से में अभिनय की दुनिया छोड़ने का मन बना लिया था।
Photo Credit- Instagram
आलोचनाओं से परेशान होकर छोड़ दी थी इंडस्ट्री
उनकी डेब्यू फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली। इसके बाद अभिनेता और उनके पिता को समीक्षकों और दर्शकों से कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। चूंकि फिल्म का निर्देशन उनके पिता ने ही किया था, इसलिए फहाद फासिल ने लोगों की कठोर बातें सहन नहीं की और इंडस्ट्री छोड़ने का निर्णय लिया। इसके बाद वह सीधे अमेरिका चले गए और वहां अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
इरफान खान की फिल्मों ने जगाई लौटने की प्रेरणा
रिपोर्ट्स के अनुसार, फहाद फासिल को हमेशा से हिंदी फिल्मों का शौक था। जब वह अमेरिका में पढ़ाई कर रहे थे, तब भी उन्होंने कई फिल्में देखी। ऐसा कहा जाता है कि फिल्में देखने की चाह में वह एक डीवीडी स्टोर पहुंचे और वहां दुकानदार ने उन्हें 2006 में रिलीज हुई फिल्म ‘यूं होता तो क्या होता’ की डीवीडी दी। इस फिल्म में इरफान खान का मुख्य किरदार था। इस फिल्म से प्रभावित होकर, फहाद ने इंडिया लौटने का फैसला किया। इरफान खान के निधन के वक्त, फहाद ने लिखा था कि इरफान ही वह अभिनेता थे जिन्होंने ‘पुष्पा-2’ के विलेन को अभिनय की दुनिया में वापस लौटने के लिए प्रेरित किया।
पुष्पा 2 में उनके किरदार की प्रशंसा
फहाद फासिल ने 2002 में अपने करियर की शुरुआत की थी, और उन्होंने सात साल का लंबा ब्रेक लेने के बाद फिल्मों में वापसी की। 2009 में, उन्होंने मलयालम फिल्म ‘केरला कैफे’ में काम किया। इसके बाद से, उनकी फिल्मी यात्रा ऐसी चली कि उन्होंने कभी भी ब्रेक नहीं लिया। आज, वह सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर्स की सूची में शामिल हैं। ‘पुष्पा: द राइज’ से उन्होंने ब्लॉकबस्टर फिल्म देकर अपनी पहचान बनाई।
यह भी पढ़ें: Pushpa 2 Review: ‘पुष्पाराज’ का सफर सच में वाइल्ड फायर निकला, अल्लू अर्जुन की फिल्म का सीक्वल जोरदार है।
इस समय हर जगह केवल ‘पुष्पा 2’ की चर्चा हो रही है। अल्लू अर्जुन के साथ इस फिल्म में एक और अभिनेता हैं, जिनकी भूमिका दर्शकों को काफी पसंद आ रही है। उनकी तारीफ करने में लोग थक नहीं रहे हैं। अगर अभिनेता इरफान खान उनके जीवन में न होते, तो शायद वह आज विलेन के रूप में इस सफलता को हासिल न कर पाते। आइए जानते हैं इसका पूरा किस्सा।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। अभिनय की दुनिया में कदम रखना आसान हो सकता है, लेकिन इस क्षेत्र में टिके रहना और दर्शकों के दिलों में जगह बनाना बहुत मुश्किल है। भारतीय सिनेमा में कई अभिनेता आए हैं, जिनका नाम ही उनके फैंस के लिए महत्वपूर्ण है। वहीं कुछ ऐसे भी हैं, जिन्हें लंबे समय की मेहनत के बाद भी इंडस्ट्री में पहचान नहीं मिली।
19 साल की उम्र में फिल्मी दुनिया में कदम रखा
‘पुष्पा 2’ में अल्लू अर्जुन को चुनौती देने वाला यह अभिनेता कोई और नहीं बल्कि भंवर सिंह शेखावत का किरदार निभाने वाले फहाद फासिल हैं। उन्हें इस फिल्म में अपने चरित्र के लिए काफी सराहना मिल रही है। ‘पुष्पा: द राइज’ के बाद, उन्होंने इस फिल्म के दूसरे भाग में भी अपनी जगह बनाई। हालांकि, फहाद के जीवन का एक ऐसा दौर भी था, जब उन्होंने गुस्से में अभिनय की दुनिया छोड़ने का मन बना लिया था।
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आलोचनाओं से परेशान होकर छोड़ दी थी इंडस्ट्री
उनकी डेब्यू फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली। इसके बाद अभिनेता और उनके पिता को समीक्षकों और दर्शकों से कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। चूंकि फिल्म का निर्देशन उनके पिता ने ही किया था, इसलिए फहाद फासिल ने लोगों की कठोर बातें सहन नहीं की और इंडस्ट्री छोड़ने का निर्णय लिया। इसके बाद वह सीधे अमेरिका चले गए और वहां अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
इरफान खान की फिल्मों ने जगाई लौटने की प्रेरणा
रिपोर्ट्स के अनुसार, फहाद फासिल को हमेशा से हिंदी फिल्मों का शौक था। जब वह अमेरिका में पढ़ाई कर रहे थे, तब भी उन्होंने कई फिल्में देखी। ऐसा कहा जाता है कि फिल्में देखने की चाह में वह एक डीवीडी स्टोर पहुंचे और वहां दुकानदार ने उन्हें 2006 में रिलीज हुई फिल्म ‘यूं होता तो क्या होता’ की डीवीडी दी। इस फिल्म में इरफान खान का मुख्य किरदार था। इस फिल्म से प्रभावित होकर, फहाद ने इंडिया लौटने का फैसला किया। इरफान खान के निधन के वक्त, फहाद ने लिखा था कि इरफान ही वह अभिनेता थे जिन्होंने ‘पुष्पा-2’ के विलेन को अभिनय की दुनिया में वापस लौटने के लिए प्रेरित किया।
पुष्पा 2 में उनके किरदार की प्रशंसा
फहाद फासिल ने 2002 में अपने करियर की शुरुआत की थी, और उन्होंने सात साल का लंबा ब्रेक लेने के बाद फिल्मों में वापसी की। 2009 में, उन्होंने मलयालम फिल्म ‘केरला कैफे’ में काम किया। इसके बाद से, उनकी फिल्मी यात्रा ऐसी चली कि उन्होंने कभी भी ब्रेक नहीं लिया। आज, वह सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर्स की सूची में शामिल हैं। ‘पुष्पा: द राइज’ से उन्होंने ब्लॉकबस्टर फिल्म देकर अपनी पहचान बनाई।
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