जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराने के बाद सरकार अब इस साल के अंत तक नगर निगम और पंचायत चुनाव कराने की तैयारी कर रही है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार एक रणनीतिक कदम के तहत विधानसभा चुनाव के शांतिपूर्ण संचालन को सुनिश्चित करने के लिए तैनात सुरक्षा बल और अर्धसैनिक बल के जवान नगर निगम और पंचायत चुनाव संपन्न होने तक जम्मू-कश्मीर में ही रहेंगे। सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों को केंद्र शासित प्रदेश में ही बनाए रखने का निर्णय निकाय चुनावों के लिए बलों को फिर से तैनात करने से जुड़ी प्रक्रिया एवं खर्च लागतों को बचाने की आवश्यकता के मद्देनजर लिया गया है। उनका कहना था कि सरकार ने निर्धारित किया है कि इन बलों का नगर निगम और पंचायत चुनाव संपन्न होने तक यहां रहना ठीक रहेगा।
उल्लेखनीय है कि गत 29 जून को आरंभ हुई 52 दिवसीय श्रीअमरनाथ यात्रा के लिए तैनात किए जाने के उपरांत संसदीय चुनावों के दौरान विस्तारित किए गए अर्धसैनिक एवं अन्य सुरक्षा बल अभी भी जम्मू-कश्मीर में ही तैनात हैं। सूत्रों का कहना है कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के शांतिपूर्ण संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उनकी उपस्थिति में और वृद्धि की जा सकती है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा चुनावों के लिए अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए नगरपालिका, पंचायत, ब्लॉक विकास परिषद (बी.डी.सी.) एवं जिला विकास परिषद (डी.डी.सी.) चुनावों के सफल संचालन को रंखांकित किया था।
गत वर्ष नवम्बर में हो गया था निकायों का कार्यकाल समाप्त
जम्मू और श्रीनगर दोनों में नगर निगमों समेत केंद्र शासित प्रदेश की अन्य मुनिसिपल कौंसलों एवं कमेटियों का कार्यकाल गत वर्ष नवंबर में समाप्त हो गया था। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार इन संस्थानों के कार्यकाल की समाप्ति से पहले या उसके तुरंत बाद इनके लिए चुनाव कराए लिए जाने चाहिए थे। लगभग एक वर्ष की अवधि तक लंबित पड़ी रही इस प्रक्रिया के कारण सरकार को इसे प्राथमिकता के स्तर पर पूरा करना पड़ा है।
इस संबंध में इस महीने के दौरान ही औपचारिक घोषणा होने की उम्मीद है क्योंकि चुनाव प्राधिकरण अगले सप्ताह आरक्षण की अंतिम सूची के प्रकाशन से पहले मसौदा वार्डों के लिए प्राप्त बड़ी संख्या में आपत्तियों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है जो चुनावों की घोषणा के लिए पूरी की जाने वाली अंतिम बड़ी औपचारिकता है। वहीं उपराज्यपाल प्रशासन इन चुनावों के संचालन के लिए केंद्र से अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की मांग कर सकता है। वहीं मुख्य चुनाव अधिकारी (सी.ई.ओ.) द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में सभी 77 शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों की तैयारियों की नियमित समीक्षा की जा रही है। इनमें जम्मू एवं श्रीनगर के 2 नगर निगमों एवं 19 परिषदों एवं 56 समितियों सहित कश्मीर घाटी के 40 एवं जम्मू संभाग के 37 संस्थान शामिल हैं।